लोक आस्था का पर्व सूर्य षष्ठी या छठ पर्व को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से षष्ठी तिथि के बीच मनाया जाता है। षष्ठी को नदी ,तालाब ,झील के तट पर पानी में खड़े होकर अस्तचलगामी सूर्य को अर्ध्य देकर उपासना करते है और उसके दूसरे दिन उदयगामी सूर्य को अर्ध्य देकर उपासना करते है और कहते है की साक्षात सूर्य भागवान की उपासना से हमारे जीवन के दुःख - तकलीफ दूर होते, इसके वैज्ञानिक कारण भी है की सूर्य की पैराबैंगनी किरणे से और जल से हमे सकरात्मक ऊर्जा मिलती है |
Tuesday, 17 November 2015
आस्था का पर्व सूर्य षष्ठी - छठ पर्व के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
लोक आस्था का पर्व सूर्य षष्ठी या छठ पर्व को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से षष्ठी तिथि के बीच मनाया जाता है। षष्ठी को नदी ,तालाब ,झील के तट पर पानी में खड़े होकर अस्तचलगामी सूर्य को अर्ध्य देकर उपासना करते है और उसके दूसरे दिन उदयगामी सूर्य को अर्ध्य देकर उपासना करते है और कहते है की साक्षात सूर्य भागवान की उपासना से हमारे जीवन के दुःख - तकलीफ दूर होते, इसके वैज्ञानिक कारण भी है की सूर्य की पैराबैंगनी किरणे से और जल से हमे सकरात्मक ऊर्जा मिलती है |
Monday, 2 November 2015
सांवरी वोमेन एम्पावरमेंट के कोर टीम के सहयोग से स्वामी शिवानंद स्कूल पूर्वी पंजाबी बाग के प्रांगड़ में दीपोत्सव का आयोजन
सांवरी वोमेन एम्पावरमेंट के कोर टीम के सहयोग से स्वामी शिवानंद स्कूल पूर्वी पंजाबी बाग के प्रांगड़ में दीपोत्सव का आयोजन किया गया ताकि सभी के जीवन में ,निराशा का तिमिर दूर करे आशाओं का संचार कर सबके जीवन को जगमग कर दे। इसी सन्दर्भ में गोपाल दास नीरज के पक्तियों का सबने पाठ दुहराया ॥
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाएनई ज्योति के धर नये पंख झिलमिल, उड़े मर्त्य मिट्टी गगन-स्वर्ग छू ले,लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी, निशा की गली में तिमिर राह भूले,खुले मुक्ति का वह किरण-द्वार जगमग, उषा जा न पाए, निशा आ ना पाए।जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए
सृजन है अधूरा अगर विश्व भर में, कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी,मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी, कि जब तक लहू के लिए भूमि प्यासी,चलेगा सदा नाश का खेल यों ही, भले ही दिवाली यहाँ रोज आए|जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए
मगर दीप की दीप्ति से सिर्फ़ जग में, नहीं मिट सका है धरा का अँधेरा,उतर क्यों न आएँ नखत सब नयन के, नहीं कर सकेंगे हृदय में उजेरा,कटेगे तभी यह अँधेरे घिरे अब स्वयं धर मनुज दीप का रूप आए |जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए
Thursday, 29 October 2015
करवा चौथ की हार्दिक बधाई और ढेरों सुभकामनाएँ
पति पत्नी एक दूसरे के पूरक हैं इस रिश्ते को निभाने के लिए प्रेम, विश्वाश, धैर्य, सम्मान अधिकार की जरूरत होती है
#SanwariWomen एम्पावरमेंट के तरफ से सभी माताओं, बहनों को करवा चौथ की हार्दिक बधाई और ढेरों सुभकामनाएँ !!
Saturday, 24 October 2015
जब हर नर राम व नारी सीता बन जाएगी
दशहरा- विजयदशमी पर्व समाज के लिए एक कटु सत्य का जीवंत उदाहरण है ।
विजयदशमी पर्व हमारे सामने है और हर वर्ष की भांति इसबार भी रावण के लंका का दहन होगा और अधर्म पर धर्म के जीत की एक झलक हम सब अपनी अपनी आँखों से देखेंगे । अगर हम ध्यान दे तो पाते है दशहरा- विजयदशमी का हर एक पात्र अपने सिमित दायरे में रह कर के समाज को एक सैद्धांतिक जीवन यापन करने की शिक्षा देता है ।
जब से पृथ्वी है तब से आज तक सदैव ही स्त्री देवी का स्वरूप रही है और पूज्य रही है क्योंकि नारी श्रद्धा के साथ साथ सृजन का पर्याय है इसलिए ही तो मनुस्मृति में कहा गया है कि " यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।" भारतीय संस्कृति में नारी की महत्ता का विशेष स्थान रहा है। उन प्राचीन संस्कारों को व्यवहार में लाने की आवश्यकता है और उनकी उपयोगिता को समझा जाना चाहिए; केवल प्राचीनता के नाम पर उसका परित्याग करना समझदारी नहीं है।
सर्वप्रथम रावण के भूमिका पर नजर डाले तो समस्त घटनाक्रम का एकमात्र सूत्रधार रावण ही है, जो बहुत पराक्रमी, ज्ञानी, संयमी, बलशाली होते हुए केवल एक अवगुण के वजह से सम्पूर्ण नाश को प्राप्त होता है और वो अवगुण है अहंकार। कितने भी गुणों के साथ एक अवगुण सारे गुणों को स्वाहा कर देता है, जब रावण जैसे पराक्रमी का अहंकार नहीं रहा अपितु रावण के संयमी होने का प्रमाण और नारी के सतीत्व के सम्मुख रावण सबकुछ देने के लिए तैयार था लेकिन अंत में कुछ भी हासिल न होते हुए भी उसने अपने संयमी होने का प्रमाण दिया और बिना मर्जी के सीता का स्पर्श तक नहीं किया, आज भी हमारे समाज में कुछ पात्र [असामाजिक तत्व] ऐसे हैं जो आज भी ही समाज में अपनी जगह बनाए हुए हैं जरूरत है उनके आचरण के बारे में समझने की और उन्हें परिवर्तित करने की|
लेकिन बेहद अफ़सोस है कि अधर्म रूपी रावण का दहन करने के बाद भी सर्वत्र बुराई का अम्बार है। रावण समाज में बुराई का प्रतीक है। हम हर साल रावण के पुतले जलाकर खुशियां मनाते हैं, लेकिन क्या हम अपने अंदर बैठे रावण को मार पाए हैं? यह एक यक्ष प्रश्न हमारे सम्मुख मुँह खोले खड़ा है और शायद इसका जबाब भी हम लोगों के पास है |
आइए इस विजयदशमी के पर्व पर हम उन बुराइयों को जड़ से मिटाने का संकल्प लें जिसने हमारे समाज को संक्रमित कर सामाजिक ढांचे को पंगु बना रखा है और इसको दूर करने के लिए सीता [नारी ] राम [पुरुष ] दोनों को एकजुट होकर के कदम बढ़ाना होगा।
आज कल के घटना क्रम पर ध्यान दे तो रामलीला के समय समाज में किसी भी अबोध बालिका का बलात्कार होना, केवल उस बालिका के साथ अन्याय नहीं, बल्कि उस समाज के सभ्य होने पर भी गंभीर प्रश्न खड़ा करता है आज लड़कियां खुद को कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। छेड़खानी / अभद्रता की घटनाएं समाज की गिरती हुई नैतिकता को दर्पण की तरह दिखा कर समाज की वर्तमान व्यवस्था पर इतरा रही है । महिलाएं आज भले ही हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं, लेकिन समाज की दोहरी मानसिकता में परिवर्तन नजर नहीं आ रहा। आज महिलाएं तभी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी, जब सभी खुद अपने अपने -अपने आचरण में बदलाव लाएंगे। दिनोंदिन बढ़ती इस पिशाच प्रवृर्ति में नियंत्रण के साथ रोक की जरूरत है तभी जाकर के एक बेहतर स्वस्थ समाज के नींव की कल्पना हो सकती है और इसके लिए एकजुट होकर के आगे आएं।
यह कितना बड़ा दुर्भाग्य है, जिस नारी को समाज में "शक्ति" के रूप में हम सभी पूजा करते हैं, उसी नारी को, यही समाज गर्भ में ही मारने से संकोच तक नहीं करता ? मेरी यह व्यक्तिगत प्रार्थना तथा आप सब से निवेदन है कि इस विजयदशमी पर महिला सशक्तीकरण की शुरूआत हमलोग अपने - अपने घर से ही सुरु करें |
आज के माहौल में हर एक मनुष्य को अपने भीतर के रावण का दहन कर के राम के दिखाए मार्ग को प्रसस्त करने की जरूरत है क्योंकि जब हर घर का नर राम तथा हर नारी सीता बन जाएगी, तो रावण, सूर्पनखा का अपने आप ही ख़ात्मा हो जाएगा।
Saturday, 3 October 2015
A small initiative by Sanwari women Empowerment | Use Khadi & Handloom Products
Say "Goodbye " to foreign brands and sees make in India as vital impetus for employment and growth A small initiative by #Sanwariwomen Empowerment .Let's take initiative push to revive an ailing manufacturing sector,has found resonance with india inc. & enhancing the global competitiveness of Indian manufacturing sector to ensure sustainability growth and empowerment in India .
Initiative taken by Sanwari Women Empowerment Founder - President Seema Goel (Social Activist )
Lets make khadi a symbol of nationalism and self reliance and not hesitate in boycotting foreign goods .Amplify the word khadi and include not only clothes but also all natural and non natural made in India product.
Wednesday, 23 September 2015
डेंगू: क्षणिक लाभ के लिए डर का सौदा
डेंगू का बढ़ता कहर एक महामारी का संकेत है और इसके बीच डर का सौदा करने वाले अपने व्यक्तिगत क्षणिक लाभ के लिए मानवता को ताक पे रखकर जिस प्रकार से प्राकृतिक उत्पादों का व्यवसायीकरण कर रहे है यह हमारी सभ्यता संस्कृति के विपरीत है, मिडिया के माध्यम से जो खबर संज्ञान में आयी वो ह्रदय को द्रवित कर देने वाली है। [ नारियल पानी ६० से १०० रुपया एक नग , पपीते के पत्ते २०० रूपये , बकरी का दूध १२०० रूपये ] यह सुनकर के ह्रदय तृण विदृण हो जाता है कि मानवता का तनिक भी ध्यान हमारे बंधू बांधवों में नहीं है जो डर का व्यवसाय करने पर उतारू हो गए है।
आज गणपति बप्पा का आगमन हुआ है और विघ्नहर्ता, विघ्नविनाशक गणपति ऐसे विवेकशून्य लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करें, हर एक के दैनिक जीवन में व्यवसाय जरूरी है लेकिन जहाँ पर मानवता की बात आती है वहां पर व्यवसाय नगण्य हो जाना चाहिए और मानवता प्रबल हो जाती है ऐसा हमने अपने देश में हमेशा देखा है या वो नेपाल त्रासदी रही हो या भुज का भूकम्प या उत्तराखंड की त्रासदी , सबने बढ़ चढ़ के सहयोग किया है , आज दिल्ली के हमारे भाई बंधु, सगे सम्बधी अगर डेंगू की महामारी से जूझ रहे है तो हम सबका यह कर्तब्य बनता है कि बिना किसी स्वार्थ भाव से मानवता की रक्षा हेतु हम अपना सहयोग प्रदान करे ।
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/seemagoel/entry/dengue-in-delhi1
Thursday, 10 September 2015
Friday, 28 August 2015
Wednesday, 19 August 2015
Friday, 14 August 2015
Thursday, 13 August 2015
Sunday, 26 July 2015
Sanwari Women Fest at Constitution Club’s Mavlankar Hall located on Rafi Marg, New Delhi
Dedicated for the upliftment of women in the country, ‘Sanwari Women Empowerment’ organised a deep-rooted thought oriented women fest with a theme ”Educate, Inspire, Empower—Let’s Change Attitude” at Constitution Club’s Mavlankar Hall located on Rafi Marg, New Delhi. The Chief Guest on the occasion was Sushri Uma Bharti, Union Minister for Water Resources, Ganga Rejuvenation and River Development. Other Special Guests at the function were BJP National Spokesperson Smt Meenakshi Lekhi, Yashvir Dagar - National Treasurer BJP YM, DrBhola Singh MP-Bulandshaer, Ashish Sood - Gen Secy BJP Delhi & Leader of the House-SDMC , H.E. Andre Sanra, Ambassador of Republic of Benin, Ajay Aggrawal, Advocate Supreme Court, Vijender Garg MLA Rajender Nagar , Shivcharan Goel, MLA Moti Nagar and Ravinder Gupta, Mayor North MCD , Aniruddha Kumar -Principal Commissioner-Income Tax, Bharat Bhushan Madan, Councill or-Motinagar, Poonam Prakash Dy Secy, CM Office-Delhi, Suraj Kumar, Cou ncillor-Inderpuri, Rekha Gupta, Councillor-North Pitam Pura and Kamaljeet Sehrawat, President. BJP Mahila Morcha(Delhi), Shri Mange Ram Garg, PadamShree Guru Shobhna Narain.
Traditional lighting of the lamp was done by the chief guest Sushri Uma Bharti along with Seema Goel, Founder President of Sanwari and the Managing Directors of Earth Infrastructures Ltd Avdhesh Goel, Atul Gupta,
Speaking on the occasion the Union Minister, Sushri Uma Bharti said, “Women in India have had a glorious past. Their mental strength makes up for their physical weaknesses. They have great abilities which make them strong.” Commenting on the theme of the function Educate, Inspire and Empower the minister said, “Women in this country had a great history. First of all we need to ensure that all women are given proper education. Empowerment will automatically follow.”
Praising the efforts of the ‘Sanwari Women Empowerment’, the BJP National Spokesperson Ms. Meenakshi Lekhi said, “Sanwari’s dedication is worth many praises.” She further said, “Woman was never weak and never will be… Education is the most appropriate tool to empower the women and help them attain the same status in the society as it used to be in Vedic Period.”
The programme began with an auspicious Ganesh Vandana performed by the renowned dancer, actor and a fighting spirit, Sudha Chandran. This was followed by the thought provoking speeches by FM RJ & Newsreader Lalima Aneja Dang, Writer-Critic Anshu Pathak, Mr s India Queen 2013 Ruby Yadav and Educator-Poetess Renu Shahnawa z Hussain.
Electrifying performances by Sudha Chandran and thrilling dance-drama ‘Khub Ladi Mardani -Rani LaxmiBai’ by renowned dancer Mrinalini kept the audiencespell-bound.
In her closing remarks Seema Goel, Founding President of Sanwari Women Empowerment said, “A healthy nation can never be a reality till the time its women are healthy and empowered. We continue working for the cause and I invite each and everyone of you to join the movement.”
Date : New Delhi, July 25, 2015.
Place : Constitution Club’s Mavlankar Hall located on Rafi Marg, New Delhi
Regards,
Seema Goel
Founder - President , Social Activist
Sanwari Women Empowerment
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Friday, 24 July 2015
An Exclusive Programme on the Women Empowerment & Related Issues
Sanwari Women
Empowerment an exclusive programme at Mavlankar Hall, Rafi Marg, New
Delhi-110001 on 25th July 2015. Seminar subject is women
Empowerment related issues. The programme will have views on prevailing issues
for women empowerment in Indian community from leading social activists in
India. It will cover many issues such as gender equality and its various
aspects, Women Security, Self Relaince for Women. Apart from the discussions we
will also have thought provoking performances by noted TV personality Sudha
Chandran and renowned performer Mrinalini.
Program will host
Chief Guest, Sushri Uma Bharti, Honorable Union Minister for
Water Resources, River Development & Ganga Rejuvenation, India Government
List of Issues &
Speakers on above mention seminar
· Role of
Education in Empowerment, Renu Shahnawaz Hussain, Academician
& Poetess
· Women in Our
Society, Anshu
Pathak, Prolific Writer & Social Critic
· Stress in
Women's Life, Lalima Aneja Dang,
Newsreader, FM-RJ, All India Radio
· Foeticide--Crime
to the Infinity, Ruby Yadav,
Miss India Queen-2013
About Sanwari Women Empowerment
Sanwari Women
Empowerment popularly known as 'Sanwari' is a not for profit organization based
in New Delhi founded by Seema Goel Social Activist. With membership strength
nearing four digits, it is gradually being recognised as a shining star in the
women welfare space.
We have a wide range
of activities related to societal changes for Gender Equality, Economic
Upliftment, Quality of Life, Motherhood Guidance, Over all Women Empowerment
and Women Security. Sanwari has a vision that if we work on these areas women
will be able to live a good quality life in a Self-Reliant and Dignified manner.
#SanwariWomen in
Action
Health: To improve the quality of life, we work on
nutritional front, preventive healthcare and health awareness camps for women
of all ages. Sanwari campaigns for an all-round fitness comprising of Mind,
Body & Soul, as we feel a healthy woman is the pillar of healthy society.
Education: Sanwari also encourages the young girls
from the weaker section of the society to take up Skill Development and
continue studies. We at Sanwari are determined to improve Self-Reliance Capabilities
of women.
Motherhood: Sanwari not only takes care about
physical health, but emotional health as well. We support the mothers of
differently abled children adding million smiles to the faces of those who
require special attention. Being a women organisation with emotion centric
temperament Sanwari takes up the cause of elders who need care as well.
Gender Equality & Women Security: We at Sanwari aim to bring change in the society to ensure Gender Equality so that a woman can live in a safe and secure environment. Our motto is to replace Gender Discrimination with Women Dignity as a core element of the Indian society.
Sanwari Women
Empowerment transforms the society where women live with Self Reliance rather
than Subsistence. Society should inculcate the temperament of Dignity for
women rather than discriminating her.
Regards,
Seema Goel
Founder President
Sanwari Women
Empowerment
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