Tuesday, 14 May 2013

सार्वजानिक सम्मान

यदि वास्तव में ही आप नारी के प्रति अपने मन में सम्मान की भावना रखते हैं तो अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी पत्नी को भी देना सीखिए क्योंकि कंही न कहीं आपके उन्नति का प्रेरणा स्रोत और सूत्रधार आपकी अर्धांग्नी ही है । जो जाने अनजाने हमेशा आपके साथ रहती है । जरा गौर करे हमारे देश में लगभग सारे व्रत केवल पत्नी ही रखती है। अपने पति के कुशलता के लिए कुछ बहने तो पानी तक नहीं लेती, सोचिये क्या यह त्याग विचारणीय नहीं है।
मुझे तो ऐसा लगता है कि जो अपने जीवन में पत्नी के योगदान को नहीं समझ पाते क्या अपने जीवन में, देश के प्रति, मात्रभूमि के प्रति, स्त्री के योगदान को क्या समझेंगे।
समाचार देखते हुए मैंने ये सुना और देखा था की अपनी विजय के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा जब विक्ट्री स्पीच देने आये तो उन्होंने यह कहा कि आज मै जहा भी हूँ वंहा तक अपनी पत्नी मिशेल की वजह से पहुच पाया हूँ । खुशी के उन सार्वजानिक पलो में अपना पहला धन्यवाद उन्होंने पत्नी को समर्पित किया । पराजय के बाबजूद श्री मिट रोमनी भी अपनी पत्नी को दिए सह्यॊग के लिए धन्यवाद देना नहीं भूले । अपनी जीत पर अपने जीवन संगिनी के साथ खड़े होने , संघर्ष करने और सार्वजानिक रूप से उसके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना । यह तभी संभव है जब केवल मूंह से नहीं बल्कि मन से दिल से महिलाओं का सम्मान हो। 
यह आवश्यक नहीं है कि आपकी पत्नी एक अच्छी बिज़नस वोमेन हो वकील हो डॉक्टर हो या इंजिनियर हो यदि वो घर पर रहकर एक होम मेकर का रोल अदा कर रही है तो मेरा यह मानना है कि एक अच्छे घर को बनाना शायद एक अच्छे बिज़नस को को चलाने से ज्यादे कठिन है।
नारी के अन्दर भगवान ने इतना पेशेंस दिया है कि वह घर में रहकर हर रिश्ते को भरपूर तरीके से जीती है । कभी बहू के रूप में कभी माँ के रूप में और कभी पत्नी के रूप में वह परिवार के लिए सहारा बनती है । अपने बच्चों को जो हमारे और हमारे देश का भविष्य होते हैं अच्छे संस्कार देती हैं जो लाखों की संपति देने के बजाय ज्यादा जरूरी है |
मेरे विचार से एक पति के द्वारा दिया हुआ यह सार्वजानिक सम्मान पत्नी के लिए सबसे उत्तम सम्मान है।

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जय शक्ति जय भारत
लेखिका [ सीमा गोयल ] सांवरी वोमेन पॉवर क्लब कि संस्थापिका है|

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